Thursday, December 4, 2008

हमलों के बाद राष्ट्र और महाराष्ट्र !


लोगों ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि देश इस दुर्दशा से गुजरेगा, लेकिन आजादी के महज सासालों बाद चंद लोग आए और खुलेआम मुंबई के लोगों को मौत के घाट उतारा । इतना ही नहीं, साठ घंटों की जद्दोजहद के बाद जाकर मुंबई आतंकियों से आजाद हुआ । ये घटना आजाद भारत की है।


फिलहाल कार्रवाई के नाम पर दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक केवल इस्तीफे । अमेरिकी विदेश मंत्री भारत आती हैं और सीधे तौर पर कहती है कि युद्ध छोड़ कर सबकुछ करो , मतलब पाकिस्तान पर हमला मत करो । इतना ही नहीं , ऍफ़बीआई बिना भारत सरकार की अनुमति लिए देश की धरती पर उतरती है और जांच के नाम पर जबरन पूरे मुंबई की पड़ताल करती है ।


और हमारी सरकार ऐतराज जताने की बजाए कुर्सी की बन्दर बाँट में लगी हुयी है । केन्द्र में एक विफल वित्त मंत्री को रक्षा मंत्री बना दिया तो महाराष्ट्र में अभी भी धींगा मुश्ती जारी है । ... और हम देश वासियों के पास इस नाटक को देखने के अलावा कोई चारा नही दिख रहा ... तो , जनाब ! इन्तजार कीजिए कि लार्ड क्लाइव की तर्ज पर ओबामा देश में घुस आए और हम अंग्रेजों के बाद अमरीकीयों के गुलाम बन जाएँ ।